डेंगू महामारी (dengue and fever) जिस तरह से दुनिया भर की आबादी को अपना शिकार बना रही है, यह एक चिंता का विषय है। सबसे बड़ी बात की चिकित्सा जगत में अभी तक इसका कोई उचित उपचार भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डेंगू के बारे में हर किसी को बारीक से बारीक जानकारी होना आवश्यक है।
ख़ासकर उन माता-पिताओं के लिए जिनके बच्चे छोटें हैं, क्योंकि यह बिमारी बच्चों में बहुत जल्दी घातक रूप ले सकती है।
Important facts about dengue and fever
डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर सिर्फ दिन में ही काटतें हैं।
डेंगू मच्छर के काटने की सबसे पसंदीदा जगह, कोहनी के नीचे या घुटने होतें हैं।
15 से 16 डिग्री से कम तापमान से नीचे के तापमान में ये मच्छर पैदा नहीं हो पाते।
अगस्त से अक्टूबर के महीने इनके पसंदीदा महीने होतें हैं, और यह बिमारी चरम पर होती है।
डेंगू से होने वाली मौतों का कारण प्लेटलेट्स की कमी नहीं है।
हड्डियों में भयानक दर्द के कारण इसे हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
दुनिया भर की लगभग आधी आबादी डेंगू मच्छर के निशाने पर है।
अभी तक चिकित्सा जगत में डेंगू का कोई सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है।
इस बिमारी में मौत का कारण दरअसल कैपिलरी लीकेज होता है।
हालाँकि यह मच्छर बरसात के दिनों में ही पनपता है, लेकिन यदि आप खुली जगह पर, जैसे गमले में, कूलर में या कहीं और पानी इकट्ठा छोड़ देतें हैं तो यह वहां भी पनप सकता है।
रक्त में घुलने के बाद इसका अगला हमला लीवर पर होता है।
फिर किडनी, ब्रेन और शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव होते हैं।
डेंगू मच्छर एक बार में 100 के करीब अंडे दे सकता है, और इसका जीवन लगभग 2 हफ़्तों का होता है।
डेंगू मच्छर बेहद घातक होता है और इसके द्वारा महज एक बार काटा जाना किसी व्यक्ति को जानलेवा स्थिति में पहुंचने के लिए काफी है।
इस मच्छर के द्वारा मनुष्य के शरीर में छोड़ा गया वायरस सीधे तौर पर श्वेत रक्त कोशिकाओं में घुस कर सबसे पहले शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता पर आक्रमण करता है।