एडीएचडी सिंड्रोम क्या होता है
Ø एडीएचडीअर्थात अटेंशनडिफिसिटहाइपरएक्टिवडिसऑर्डर, दिमाग से संबंधित विकारहै जो बच्चोंऔर बड़ों दोनों को होता है।लेकिन बच्चों मेंइस रोग के होनेकी ज्यादा संभावनाहोती है।
Ø इसबीमारी के होने परआदमी का व्यवहारबदल जाता है औरयाद्दाश्त भी कमजोरहो जाती है।
Ø दूसरेशब्दों में कहा जाएतो अटेंशन डेफिसिट हायपरएक्टिविटी यानी एडीएचडी कामतलब है, किसी चीज़पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमताका सही इस्तेमाल नहींकर पाना।
Ø मानाजाता है कि कुछरसायनों के इस्तेमाल सेदिमाग की कमज़ोरी कीवजह से ये कमीहोती है। एक अनुमानके मुताबिक स्कूल केबच्चों को एडीएचडी 4% से 12% केबीच प्रभावित करता है।
Ø यहलड़कियों की तुलना मेंलड़कों को ज्यादा होताहै।
Ø अध्ययनके मुताबिक पिछले 20 वर्षों में एडीएचडी केमरीजों की संख्यालगातार बढ़ रही है।लेकिन इस बीमारी केबढ़ने का कारण यहभी है कि इसकानिदान अधिक लोगों मेंहो रहा है।
Ø बच्चोंऔर बड़ों में इस रोगके लक्षण अलग–अलग होसकते हैं।
बच्चों मेंएडीएचडीकेलक्षण
Ø स्कूलऔर घर पर लापरवाहीसे ढेरों मामुली सी गलतियां करना।
Ø बच्चेद्वारा निर्देशों का पालन नाकरना, उन्हें न सुनना औरन ही उन परध्यान देना।
Ø किसीभी कार्य को सही ढंगसे ना करना।
Ø नोटबुकव होमवर्क आदि भूल जाना।
Ø बातेंभूलना व बहुत ज्यादाचंचल होना।
Ø एकजगह पर ना बैठपाना, व्याकुल रहना।
Ø अपनीबारी का इंतज़ार नाकर पना, संयम नारख पाना।
Ø अक्सरक्लास में चिल्लाना।
एडीएचडी सिंड्रोम3 प्रकारसेहोसकताहै
1. ध्यान नदेना– इसके कारण बच्चे किसीभी काम में अपनाध्यान नहीं लगा पातेहैं, जिसके कारण उनकी पढ़ाई–लिखाई प्रभावित होती है।
2. जरूरत सेअधिकसक्रियता–ऐसे बच्चे हाइपरएक्टिव होते हैं यानीछोटी–छोटी बात परनाराज होना, रोने लगना, जिदकरना आदि लक्षण नजरआते हैं।
3. असंतोष– ऐसे बच्चे किसीचीज से संतुष्ट नहींहोते हैं और हरसमय रोते रहते हैं।उन्हें किसी भी तरहसे बहलाना मुश्किल हो जाता है।
वयस्कों मेंएडीएचडीकेलक्षण
Ø आसानीसे किसी भी चीजसे ध्यान हट जाना।
Ø योजनाबद्धना होना।
Ø बातेंभूल जाना।
Ø बातोंमें टालमटोल करना।
Ø हमेशादेरी करना।
Ø हमेशाउदासी भरा रहना।
Ø डिप्रेशनमें रहना।
Ø नौकरीकी समस्या पैदा होना।
Ø जल्दही किसी भी बातपर बेचैन होना।
Ø ड्रगया किसी और नशीलीचीज़ की लत होना।
रिश्तों से जुड़ी समस्याएं होना।