नार्कोलेप्सी क्या है? | What is narcolepsy?

नार्कोलेप्सी (narcolepsy) क्या है? कई बार आपके साथ शायद ऐसा हुआ हो या आपने किसी को ऐसा करते हुए देखा हो कि नींद को रोक पाना बहुत मुश्किल लगा हो और कैसी भी परिस्थिति में, किसी भी समय नींद आ जाने की मुश्किल से जूझना भी पड़ा हो। अक्सर इसे हम उस व्यक्ति का आलसी रवैया समझ लेते हैं लेकिन असल में ये एक तरह की शारीरिक समस्या है जिसके चलते नींद पर नियंत्रण कर पाना संभव नहीं हो पाता है। इस स्थिति को नार्कोलेप्सी (narcolepsy) कहा जाता है।

नार्कोलेप्सी (narcolepsy) नींद से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिससे ग्रस्त व्यक्ति कभी भी अचानक सो जाता है, दिनभर उनींदा और थका हुआ महसूस करता है। नींद से जुड़ी इस समस्या के शिकार 15 से 25 साल के युवा ज्यादा होते हैं। महिला और पुरुष दोनों ही इस समस्या से समान रूप से ग्रस्त होते हैं। इस बीमारी के लक्षण लम्बे समय से हो सकते हैं लेकिन इसका पता बहुत समय बाद ही चलता है।

हालाँकि अभी तक इस बीमारी के प्रमुख कारणों का पता नहीं लग पाया है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि आनुवंशिकी और वायरस के संयोग से ऐसी स्थिति बनती है। ये बीमारी क्रॉनिक सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुयी है और दिमाग में मौजूद ऐसे रसायनों को प्रभावित करती है जो सोने और जागने के चक्र को कण्ट्रोल करते हैं।

नार्कोलेप्सी के लक्षण (Symptoms of narcolepsy)

  • दिन में बहुत ज्यादा सुस्ती महसूस होना
  • किसी भी समय, कहीं भी सो जाना
  • स्लिप पैरालिसिस होना जिसकी सम्भावना बहुत कम होती है और इसमें ग्रस्त व्यक्ति चल नहीं पाता।
  • कैटाप्लैक्सी की स्थिति बनना जिसमें मसल्स स्थिर हो जाती हैं।
  • हिप्नागोगिक हैल्युसिनेशन की स्थिति होना जिसमें मरीज अर्ध निद्रा में डरावने सपने देखता है और उन्हें सच मान लेता है।
  • ऑटोमैटिक बिहेवियर दर्शाना जिसमें व्यक्ति नींद में होते हुए ऐसे काम करता है जैसे वो जाग रहा हो।

नार्कोलेप्सी का इलाज (Treatment of narcolepsy)

  • ज़्यादातर मामलों में मरीज़ की स्लीप सेन्टर में रखकर उसकी सोने की गतिविधियों को देखा जाता है। नार्कोलेप्सी (narcolepsy) का कोई इलाज़ नहीं है लेकिन कुछ दवाइयां लेकर और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाकर मरीज़ सामान्य जीवन जी सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति को अपने कर्मचारियों को और अपने अध्यापकों को इस बीमारी की सूचना दे देनी चाहिए ताकि उसके हिसाब से मरीज़ के लिए उचित व्यवस्था की जा सके। इसके अलावा मरीज़ को बहुत सावधान रहना चाहिए ताकि उसे अपनी बीमारी से कोई हानि ना पहुंच सके।
Also, Read More Interesting updates
6 reasons why dancing is great for your bodyRead Now
What is Eye Flu in Hindi | आई फ्लू क्या हैRead Now
आँख का वजन (Weight of eye) कितना होता है?Read Now
सबसे अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थ – Alkaline foodsRead Now
Scarlet fever: Causes, symptoms, treatmentRead Now
What Is Iron-Deficiency Anemia?Read Now
How To Use Hair Straighteners?Read Now
How to remove Wrinkles,Skin AllergiesRead Now
dengue and feverRead Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *